संज्ञानात्मक पक्ष / ज्ञानात्मक पक्ष
- इस पक्ष का संबंध मानसिक बौद्धिक क्षमताओं से होता है
- इस पक्ष के उद्देश्यों का वर्गीकरण बीएस ब्लूम ने 1956 में किया
- इन उद्देश्यों को सरल से कठिन की ओर इस प्रकार व्यवस्थित किया गया है की बिना निचले स्तर का उद्देश्य प्राप्त किए उच्च स्तरीय उद्देश्य की प्राप्ति संभव नहीं हो सकती।
संज्ञानात्मक पक्ष के अंतर्गत निम्न 6 उद्देश्य निर्धारित किए गए हैं
1. ज्ञान ( Knowledge ) :-
इसे संज्ञानात्मक पक्ष का सबसे निचले स्तर का उद्देश्य माना जाता है
प्रत्यभिज्ञान ( प्रत्ययों की जानकारी )
प्रत्यास्मरण ( प्रत्ययों का स्मरण )
सूचक क्रियाएं :- जानना /पहचाननान परिभाषित करना/ बता देना
2. अवबोध ( Understanding ) :-
प्राप्त किए गये ज्ञान पर समझ विकसित करना अबोध होता है।
सूचक क्रियाएं :- अनुमान लगाना /सही उदाहरण देना /संबंध स्थापित /करना त्रुटि का पता ।
3. अनुप्रयोग / ज्ञानोपयोग ( Application ) :-
प्राप्त किए गए एवं समझ विकसित किए गए ज्ञान का व्यवहारिक स्थितियों मैं उपयोग करना।
सूचक क्रियाएं :- उपयोग करना / सर्वोत्तम हल प्राप्त करना / सर्वोत्तम विधि का उपयोग करना ।
4. विश्लेषण ( Analysis ) :-
विश्लेषण प्रक्रिया में बालक संप्रत्ययो के विभिन्न पक्षों / खंडो के प्रति समझ विकसित करता है।
विश्लेषण शब्द का शब्दार्थ - खंड / टुकड़े करना
सूचक क्रियाएं :- वर्गीकृत करना / सारणीबद्ध करना / विश्लेषण करना
5. संश्लेषण ( Synthesis ) :-
शब्दार्थ :- जोड़ना / समेकित करना / इकट्ठा करना
- संश्लेषण की प्रक्रिया में विश्लेषण से प्राप्त हलो को समेकित करके नवीन निष्कर्ष का सृजन किया जाता है।
सूचक क्रियाएं :- पुनर्गठन / पुनः परिभाषित करना / सृजन करना / नवीन निष्कर्ष निकालना / सारांश प्रस्तुत करना ।
6. मूल्यांकन :-
संज्ञानात्मक पक्ष के उद्देश्यों का सबसे उच्च अंतिम स्तर होता है।
सूचक क्रियाएं :- निर्णय देना / निर्धारित करना / आलोचना करना ।
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