मोबाइल फोन सेवा के प्रकार
वर्तमान में जितने भी मोबाइल या स्मार्ट फोन हैं उन सभी में मुख्य तौर पर निम्न दो टेक्नोलॉजी प्रयोग होती हैं।
1. जीएसएम तकनीकी:- ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल टेलीकम्युनिकेशन (GSM) तकनीकी का विकास यूरोपीय टेलीकम्युनिकेशन स्टैण्डर्ड इंस्टीट्यूट (ETSI) द्वारा जुलाई, 1991 में किया गया तथा फिनलैण्ड में पहली बार कार्यान्वित किया गया। वर्तमान में विश्व के 80 प्रतिशत मोबाइल GSM तकनीक पर संचालित हैं।
इस तकनीकी को काफी एफिशिएंट माना जाता है। इस सेवा में एक ही रेडियो फ्रीक्वेंशी पर एक साथ 8 कॉल्स की जा सकती है। इसमें मोबाइल सेट एवं सिम कार्ड अलग-अलग होते हैं अतः सेवा प्रदाता कंपनी बदलने पर सेट बदलने की जरूरत नहीं पड़ती, उसी सेट में नया सिम कार्ड डाल दिया जाता है।
2. सी.डी.एम.ए. तकनीकी :- कोड डिवीजन मल्टीपल एक्सेस (CDMA) तकनीक GSM से बिल्कुल अलग तकनीक है। अत: GSM सेवा के मोबाइल सेट इसमें प्रयुक्त नहीं हो सकते। इसमें मोबाइल सेट में ही सिमकार्ड फिक्स होता है। अत: सेवा प्रदाता कंपनी बदलने पर वह मोबाइल सेट काम नहीं आ पाता। इस तकनीकी में एक ही रेडियो फ्रीक्वेंशी पर एक साथ एक से अधिक कॉल्स नहीं की जा सकती है। CEMA तकनीक का विकास रूस में 1957 में वहाँ की सेना के रेडियो इंजिनियर लियोनिद कुप्रियानोविच ने किया था। उन्होंने मॉस्को में LK-1 नामक मोबाइल बनाया जिसका वजन 3 किग्रा, था। सार्वजनिक रूप से इस तकनीक का सर्वप्रथम प्रयोग अमेरिका में हुआ। वर्तमान में CDMA तकनीक का सर्वाधिक प्रचलन अमेरिका व रूस में है।
- 1G (First Generation) मोबाइल तकनीक :- इस में एनॉलॉग संचार होता है। इसमें संचार की गुणवत्ता निना होती है तथा केवल ध्वनि का ही संचार हो पाता है।
- 2G (Second Generation) :- इस मोबाइल तकनीक का संचार डिजीटल संकेतों के रूप में होता है, इससे ध्वनि, टैक्स्ट व ग्राफिक्स का संचार संभव है। यह मल्टीमीडिया उपकरणों में प्रयुक्त होती है।
- 3G (Third Generation) :- यह मोबाइल संचार की 'all in one' तकनीक है जिसकी सर्वप्रथम शुरुआत अपन में NTT DoCoMo कंपनी द्वारा वर्ष 1998 में हुई। 1 अक्टूबर, 2001 से इस कंपनी ने इसकी वाणिज्यिक सम पहली शुरुआत की। इसका उपयोग स्मार्ट फोन व टेबलेट में होता है। इस संचार तकनीक में ध्वनि के साथ-साथ अन्य सभी प्रकार के डाटा व संदेश तीव्र गति से भेजे जा सकते हैं। 3G वायरलैस नेटवर्क में 284Kbps से 2Mbps की गति से डाटा संचारित होते हैं। इसमें 2G की अपेक्षा 3-4 गुना तेज गति से डाटा भेजे जा सकते है।
- 4G (Fourth Generation) :- इस तकनीकी में डाटा संचरण 3G की अपेक्षा 50 गुना तेज गति से संभव है। सकेगा। इसमें यूजर को अधिक उच्च क्वालिटी की ऑडियो-वीडियो सुविधा प्राप्त होगी।
- 5G :- Coming Soon
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