( Learning objectives )
B.S. Bloom की शिक्षण की त्रिध्रुवीय प्रक्रिया:-
1. उद्देश्य
2. अधिगम अनुभव (साधन)
3. मूल्यांकन (साक्षीया/ प्रमाण)
1. उद्देश्य:-
ऐसे वांछित व्यवहारगत परिवर्तन जो शैक्षिक क्रियाओं के माध्यम से बालकों में लाए जाते हैं ।
उद्देश्य दो प्रकार के होते हैं
A. शैक्षिक उद्देश्य
B. शिक्षण उद्देश्य
A. शैक्षिक उद्देश्य (सामान्य /लक्ष्य उद्देश्य /साध्य) :-
- क्षेत्र व्यापक होता है
- दीर्घ अवधि में प्राप्त होते हैं
- इन उद्देश्यों की प्रकृति दार्शनिक सैद्धांतिक प्रकार की होती है
- यह साध्य होते हैं
- इन उद्देश्यों का कक्षा शिक्षण से प्रत्यक्ष संबंध नहीं होता है।
- यह मूल्यांकन प्रविधियां का निर्माण करते हैं।
B. शिक्षण उद्देश्य (साधन /विशिष्ट/ प्राप्य उद्देश्य)
- क्षेत्र संकीर्ण होता है।
- अल्प विधि में (1 कालांश) मैं प्राप्त होते हैं।
- इन उद्देश्यों की प्रकृति मनोवैज्ञानिक प्रकार की होती हैं।
- यह साधन होते हैं।
- इन उद्देश्यों का कक्षा शिक्षण से प्रत्यक्ष संबंध होता है।
- यह मूल्यांकन प्रविधियां को सीधे प्रभावित करते हैं।
ब्लूम की वर्गिकी
Bloom's Taxonomy
ब्लूम का शिक्षण उद्देश्यों का वर्गीकरण:-
व्यवहार के तीन पक्ष ( 3-H नियम )
1. ज्ञानात्मक पक्ष/ संज्ञानात्मक पक्ष Heart :-
Cognitive Domain:-
- मानसिक /बौद्धिक क्षमताओं से संबंध
- इस पक्ष के उद्देश्यों का वर्गीकरण बीएस ब्लूम ने 1956 में किया
2. भावात्मक Head
Affective Domain :-
- संबंध भावनाओं /प्रेरणा/ रुचियां /दृष्टिकोण से होता है
- इस पक्ष के उद्देश्यों का वर्गीकरण करथवाल ने 1964 में किया।
3. क्रियात्मक पक्ष Hand
Psychomotor Domain:-
- किस पक्षी का संबंध कौशलों/ हस्त चलित क्रियाओं से होता है
- इस पक्ष के उद्देश्यों का वर्गीकरण सिंपसन ने 1969 में किया ।
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