गणित, अर्थ, परिभाषा
गणित क्या है?
(What is Mathematics. )
उत्पत्ति ग्रीक भाषा के शब्द (Mathemata) से जिसका अर्थ होता है - वस्तुयें गिनना।
संकीर्ण अर्थ में गणित का अभिप्राय उस अध्ययन क्षेत्र से है जिसमें गणनाओं की प्रधानता हो। गणित अंकों, अक्षरों, चिह्नों, प्रतीकों का ऐसा क्रमबद्ध विज्ञान है जिसकी सहायता से परिमाण दिशा तथा स्थिति का बोध होता है। गणित में संख्या ज्ञान तथा संक्रिया ज्ञान दो मूलभूत दक्षतायें मानी जाती है जिनसे गणित के अन्य सभी सम्प्रत्ययों का विकास होता है।
व्यापक अर्थ में गणित अनुमानीकरण, तार्किकीकरण तथा अमूर्तीकरण का शास्त्र है। गणित विषय की मूल प्रकृति आगमनात्मक चिन्तन है अर्थात यह मूर्त से अमूर्त की ओर जाने की प्रक्रिया है।
गणितज्ञों ने भी विद्यालयी शिक्षा में अनिवार्य रूप से गणित को सम्मिलित करने की सिफारिश की है क्योंकि यह बालकों में समस्याओं के समाधान का एक विशिष्ट दृष्टिकोण उत्पन्न करता है तथा उनमें तार्किकता, क्रमबद्धता चिंतन आदि का विकास करता है।
गणित शिक्षण की महत्वपूर्ण परिभाषायें
हॉगबेन के अनुसार - "गणित सभ्यता एवं संस्कृति का दर्पण है।"
रोजर बेकन के अनुसार- "गणित समस्त विज्ञानों का सिंहद्वार एवं कुंजी है।"
लॉक के अनुसार - "गणित वह मार्ग है जिसके द्वारा बालकों के मन या मस्तिष्क में तर्क करने की आदत का विकास होता है।
कान्ट के अनुसार - "विज्ञान उतना ही यथार्थ है जितना वह गणित का प्रयोग करता है।'
नेपोलियन के अनुसार - 'गणित की उन्नति के साथ देश की उन्नति का घनिष्ठ सम्बन्ध है।
यंग के अनुसार - "यदि विज्ञान का आधार स्तम्भ गणित हटा दिया जाये तो सम्पूर्ण भौतिक सभ्यता नष्ट हो जायेगी।"
पियर्स के अनुसार - 'गणित एक विज्ञान है जिसकी सहायता से आवश्यक निष्कर्ष निकाले जाते हैं।'
डटन के अनुसार - "गणित शिक्षण का वास्तविक उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, वरन शक्ति प्रदान करना है।'
प्लेटो के अनुसार - "गणित एक ऐसा विषय है जो मानसिक शक्तियों को प्रशिक्षित करने का अवसर प्रदान करता है। एक सुसुप्त आत्मा में चेतना एवं नवीन जागृति करने का कौशल गणित ही प्रदान करता है।"
1 टिप्पणियाँ
Nice
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