भावात्मक पक्ष
( Affective Domain)
- इस पक्ष का संबंध भावनाओं / संवेगों/ रुचियां / प्रेरणा आदि से होता है।
- करथवाल तथा मसीहा ने 1964 में इस पक्ष के उद्देश्यों का वर्गीकरण किया।
भावात्मक पक्ष के अंतर्गत निम्न 5 उद्देश्य निर्धारित किए गए हैं|
1. अग्रहण ( Receiving ) :-
सूचक क्रियाएं - पूछना, जिज्ञासा उत्पन्न करना|
2. अनुक्रिया ( Responding ) :-
सूचक क्रियाएं - प्रश्नों के उत्तर देता है|
3. अनुमूल्यन ( Valuing ) :-
सूचक क्रियाएं - मूल्य देना / निश्चय करना / तय करना|
4. संगठन ( Organising ) :-
सूचनाओं तथ्यों को एकत्रित कर नवीन निष्कर्षों तक जाने के लिए प्रेरित होता है|
सूचक क्रिया - सामान्य करण करना|
5. चरित्रिकरण ( Characterising ) :-
भावात्मक पक्ष का सर्वोच्च उद्देश्य होता है जिसमें व्यक्ति द्वारा अपनाए गए व्यवहार उसकी आदत बन जाते हैं|
क्रियात्मक पक्ष
Psychomotor Domain
- इस पक्ष के उद्देश्यों का निर्धारण 1970 में सिंपसन ने किया|
- इस पक्षी का संबंध कौशलों गतिशील व्यवहार हस्त परक क्रियाओं से होता है|
क्रियात्मक पक्ष के अंतर्गत निम्न 5 उद्देश्य निर्धारित किए गए हैं|
1. उद्दीपन/अनुकरण ( Impulsion / Imirtation ) :-
- बालक दूसरों का अनुकरण या नकल करके सीखता है|
- यह कौशल आत्मक उद्देश्यों का प्रथम तथा अनिवार्य स्तर होता है|
2. कार्य करना ( Manipulation ) :-
दिए गए निर्देशों के अनुसार कार्य करना|
3. परिशुद्धता / नियंत्रण ( Control ):-
किसी कार्य को बार-बार अभ्यास करके सीखना इस प्रक्रिया में त्रुटियों पर नियंत्रण होता है एवं शुद्धता की ओर अग्रसर होते हैं|
4. समन्वय / जोड़बंदी (Coordination ):-
जब एक साथ कई क्रियाओं को करने में बालक सक्षम हो जाता है|
5. स्वाभाविकरण ( Naturalisation ) :-
यह कौशल आत्मक उद्देश्यों का अंतिम तथा सर्वोच्च स्तर होता है जिसमें व्यक्ति के लिए कार्य करना यांत्रिक होता है |
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